राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. जिस जगह ये इमारत गिरी है वह काफी तंग इलाका है जिससे बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं. मौके पर एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच गई हैं. हालांकि काफी संकरा इलाका होने की वजह से क्रेन के पहुंचने में भी दिक्कत हो रही है.
घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जगह बेहद संकरी होने की वजह से दमकल की गाडि़यों को भी वहां पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जबकि क्रेन का तो हादसे वाली जगह पर पहुंच पाना लगभग नामुमकिन है.
दिल्ली के वित्त मंत्री ए के वालिया ने कहा कि इमारत की बेसमेंट में पानी भरने से यह हादसा हुआ है. घायलों को लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल तथा राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी दाखिल कराया गया है. 40 लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है.
इस हादसे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हताहतों की संख्या के बारे में सही जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा कि इमारत कहीं गलत तरीके से तो नहीं बनाई गई ये तो जांच का विषय है लेकिन फिलहाल सबसे बड़ी चिंता यह है कि लोगों को वहां से बाहर निकाला जाए ताकी उनका इलाज कराया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे की जांच कराई जाएगी और पीडि़तों को मुआवजा भी दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस हादसे से लोगों को सबक भी लेना चाहिए और ऐसी जगहों पर निर्माण कार्यों से बचना चाहिए विशेषकर गैरकानूनी रूप से निर्माण करने से.
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